Saturday 9 August 2014

आंसू : (नायेदाजी)

आंसू  

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आंसू ,
आब का
एक कतरा 
दिल से निकला
आँखों की राह 
बाहिर  आया
कहने
काई अनकही
दास्तानें 
गम  की
खुशी की
कतरा  नहीं
यह है अत्तर 
इंसानियत का
एहसास इंसान
होने का.

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