Monday 11 August 2014

भ्रमर और पुष्प : धम्मपद से---(नायेदाजी)

भ्रमर और  पुष्प : धम्मपद से--

(धम्मपद  गौतम बुद्ध की भावनाओं,विचारों एवं सिद्धांतो  का अनुपम संग्रह है. इन में से चुन कर कुछ  ज्ञान मणियों  को आप के साथ, समय समय पर शेयर करने का उपक्रम)
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ले लेता है
रस
सुगंध
एवं पराग,
मंडराता
गाता
प्रसन्न
भ्रमर
किए बिना कोई क्षति,
हंसते-गाते
खिले पुष्प को.

देखो मैत्री
उनकी................

अक्षत रहता है
पुष्प
प्रफुल्लित
विकसित
हरे  भरे
उद्यान में.
लिए वही
रंग 
सौरभ और 
सौंदर्य.

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