Thursday, 7 August 2014

दूर की कौड़ी : (नायेदाजी)

दूर  की कौड़ी 

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बड़े दिनों के बाद दूर की एक कौड़ी  लाया है,
शक्कर में लिपटा कुनैन की 'बोड़ी  ' लाया है.

होठों  पे ओढ़ी  सी मुस्कान, दिल में नफ़रत लिए,
जालिम हिकारत ज्यादा  मोहब्बत थोड़ी लाया है.

जुनून-ए-दहशत बसा है उसके रग रग में,
नापाक इरादों की फेहरिस्त लंबी-चौड़ी लाया है.

मोहब्बत के घरोंदे नापसंद है उसको,
तोड़ने उनको जंग-अलूदा हथौड़ी लाया है.

नाकामयाब रहा है जंग-ए-जिंदगानी में,
दुनिया को बरगलाने नीयत  भगोड़ी लाया है.

खुदा अकल दे उसको और दे मुआफी गुनाहों से,
जो इबादत की जगह  जलन-ओ-ज़ुल्म की जोड़ी लाया है.

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बोड़ी =बंगला भाषा में टेबलेट/गोली  को कहतें है.
हिकारत=hatred 
जुनून=extreme madness
दहशत=terror
जंग-अलूदा=rusted 
गुनाहों=sins 
इबादत=worship
जलन=jealosy 
ज़ुल्म=opression 
बरगालाने=to decieve 
जंग =battle
जिंदगानी=life 
नाकामयाब=unsuccessful 
नीयत =intention

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