दूर की कौड़ी
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बड़े दिनों के बाद दूर की एक कौड़ी लाया है,
शक्कर में लिपटा कुनैन की 'बोड़ी ' लाया है.
होठों पे ओढ़ी सी मुस्कान, दिल में नफ़रत लिए,
जालिम हिकारत ज्यादा मोहब्बत थोड़ी लाया है.
जुनून-ए-दहशत बसा है उसके रग रग में,
नापाक इरादों की फेहरिस्त लंबी-चौड़ी लाया है.
मोहब्बत के घरोंदे नापसंद है उसको,
तोड़ने उनको जंग-अलूदा हथौड़ी लाया है.
नाकामयाब रहा है जंग-ए-जिंदगानी में,
दुनिया को बरगलाने नीयत भगोड़ी लाया है.
खुदा अकल दे उसको और दे मुआफी गुनाहों से,
जो इबादत की जगह जलन-ओ-ज़ुल्म की जोड़ी लाया है.
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बोड़ी =बंगला भाषा में टेबलेट/गोली को कहतें है.
हिकारत=hatred
जुनून=extreme madness
दहशत=terror
जंग-अलूदा=rusted
गुनाहों=sins
इबादत=worship
जलन=jealosy
ज़ुल्म=opression
बरगालाने=to decieve
जंग =battle
जिंदगानी=life
नाकामयाब=unsuccessful
नीयत =intention
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