Tuesday 12 August 2014

हू-ब-हू (यथार्थ) : धम्मपद से

हू-ब-हू (यथार्थ) : धम्मपद से 

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पहचान लो  
गलत को
हू-ब-हू..

पहचान लो 
सही को
हू-ब-हू..

जो करताहै 
फैसला 
सही नज़रिए से 
पाता है वही 
सटीक राह
कामयाबी की..

(चाहे वस्तु हो, मानव हो, अन्य प्राणी हो अथवा कोई घटनाक्रम उसके गुण-दोषों को सम्यक दृष्टि से आकलन करते हुए "जैसा है वैसा देख लेना" ही यथार्थ है. 

जब हमारा आकलन वास्तविकता से कम या ज्यादा होता है उसका निर्णय  संशय और समस्या का अभिशाप उत्पन्न कर देता है. 

सम्यक दृष्टि से सही और गलत दोनों की ही यथावत पहचान करते हुए सही और शुद्ध को अपनाकर सफलता और शांति पायी जा सकती है. )

Inspiring sutra from Dhammpad :

Vajjancha vajjato natvaa
Avajjancha avajjato
Samma ditti samadaana
Satta Gachanti suggatim.
                     ------Buddh 

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