Friday, 1 August 2014

वो गीत जो मैंने कहे...(मेहर)

वो गीत जो मैंने कहे...
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ना जाने 
बोल कितने 
कहे अनकहे रहे,
छूटा तेरा साथ
फिर हाथ कितने
जो गहे, 
रेतीले 
मेरे ख्वाब
बस लहरों में बहे, 
सहे अनसहे दर्द
अश्कों में दहे,
काश पहुंचे 
तुम तक कभी 
वो गीत जो 
मैंने कहे...

(पुरानी डायरियों से) 

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