वो गीत जो मैंने कहे...
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बोल कितने
कहे अनकहे रहे,
छूटा तेरा साथ
फिर हाथ कितने
जो गहे,
रेतीले
मेरे ख्वाब
बस लहरों में बहे,
सहे अनसहे दर्द
अश्कों में दहे,
काश पहुंचे
तुम तक कभी
वो गीत जो
मैंने कहे...
(पुरानी डायरियों से)
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