vinod's feels and words
Monday, 4 August 2014
ईमान-ओ-यकीन (नायेदाजी)
ईमान-ओ-यकीन
# # #
बीज नहीं करता है
परवाह
बूटे के उगने की
बूटे के फलने की..
दिया नहीं होता है
फ़िक्रमंद
सूरज के जलवा होने का
सूरज के डूब जाने का..
होता है ईमान-ओ-यकीन
बीज का 'गलने' में
दिये का 'जलने' में…
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