Monday, 28 July 2014

राम मेरे रूं रूं में रम जाये .....

राम मेरे रूं रूं में रम जाये .....

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राम मेरे रूं रूं में रम जाये
स्वभाव सहज हो जाये
चेतनता फल जाये
राम मेरे रूं रूं में रम जाये !! ध्रुव!!

राम नाम कि अगन है ऐसी
भेद विकार बल जाये !! १ !!

राम नाम शीतल जल झरना
जलन शमन हो जाये !!२!!

नहीं चाहत औरन कि रहवे
राम निकट होई जाये !!३!!

नहीं बचे वह मानव जग में
निकल राम जब जाये !!४!!

राम राम कह मिलन करन से
रिपु मित्र-परम हो जाये !!५!!

'रा' ही मुख खुल जाये
बंध 'म' कार लगाये !!६!!

राम राम का जपन करन से
मानव शिव-पद पाए !!७!!

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