Wednesday 30 July 2014

रणछोड़....

रणछोड़....

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नग्न खड़ी
युवा समस्याएं
अब नहीं
जगा रही कौतुहल
मेरे परिपक्व हुए
चिर युवा मानस में,
जानने लगा हूँ
अब
आमने सामने खड़ी
जीवन की विसंगतियों का सच,
ले ली है जगह
उत्तेजना
चुनौतियों
और
संघर्षप्रियता की,
शांति
सहनशीलता
और
मौन ने,
कायर नहीं
अजेय योद्धा हूँ
आज भी,
बस बन गया हूँ
स्वयं सचेत
रणछोड़
श्रीकृष्ण की
तरह......

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