माँ सरस्वती मन्त्र...(भाव-प्रस्तुति)
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माँ सरस्वती !
धवलवर्णा परम सुंदरी तू माँ
ज्यों कुंद पुष्प सम श्वेत चंद्रा,
श्वेत वस्त्र धारिणी माँ
तुषार सम गलमाल शुभ्रा,
आसीन श्वेत पद्म आसन पर,
वीणा विराजित ले भुज सहारा,
सुर पूजित मातेश्वरी !
करते नमन तुम्हारा,
तिरोहित हो तन्द्रा , जननी !
ह़र दो अज्ञान तिमिर हमारा...
(कुंद पुष्प=चमेली/जूही के फूल)
********************************************************************
(या कुन्देन्दु तुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत्पद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ॥)
माँ सरस्वती !
धवलवर्णा परम सुंदरी तू माँ
ज्यों कुंद पुष्प सम श्वेत चंद्रा,
श्वेत वस्त्र धारिणी माँ
तुषार सम गलमाल शुभ्रा,
आसीन श्वेत पद्म आसन पर,
वीणा विराजित ले भुज सहारा,
सुर पूजित मातेश्वरी !
करते नमन तुम्हारा,
तिरोहित हो तन्द्रा , जननी !
ह़र दो अज्ञान तिमिर हमारा...
(कुंद पुष्प=चमेली/जूही के फूल)
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(या कुन्देन्दु तुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत्पद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ॥)
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