Wednesday 30 July 2014

भय सब से बड़ा स्वयं का,,,,,

भय सब से बड़ा स्वयं का,,,,,

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निर्भय अभय हो पाए कैसे
भय सब से बड़ा स्वयं का,,,,,,,

बदल जाऊँ तो खो ना जाऊं
कैसे जागूं ,सो ना जाऊँ
जिसे उगाया उसको खोदूं
प्रश्न यही अहम् का,
निर्भय अभय हो पाए कैसे
भय सब से बड़ा स्वयं का,,,,,

बातें तेरी तेरी होती,
बातें मेरी मेरी होती,
भेद विकट मिटाऊं कैसे
अहम त्वम वयम का,
निर्भय अभय हो पाए कैसे
भय सब से बड़ा स्वयं का,,,,,

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