Unanswered Questions...
# # #
You write
Lot many
Poems,essays,stories,dramas
Dealing burning issues of
Farmers, workers, poor and
Exploited,
But
Do they themselves
Understand
What you write for them ?
They cannot
Recognize the
True faces of your words
Who are wearing masks,
No matter
You at you own treat
Your intellectual lust
As sensitivity.
Have you ever been
For offering your condolence
To the home of
A sweeper
Who cleans your
Courtyard and toilets ?
Have you ever thought of
Giving away your
Old sleepers to the
Delivery boy
Who comes to your place
Naked feet
In encroaching heat of
A summer afternoon ?
Have you ever organized
Plastering of
A mason's broken arm
Who was repairing
Your broken wall ?
Have you ever
Washed the
Cloths of your own children
Soiled with their
Faeces and urine ?
Have you ever avoided
The chance of
Harassing the people
Weaker than you ?
Find the replies to
These questions,
Don't hide your face,
A stomach-full frog
Speak loud
From withing the well.
अनुत्तरित प्रश्न (हिंदी रूपांतरण- अर्पिता गोडबोले)
# # #
लिखते हो तुम
अनेकों कवितायेँ,
लेख, कहानियां और नाटक
किसानों, मजदूरों,
गरीबों एवम शोषितों पर,
किन्तु
क्या वे स्वयं समझ पाते हैं
लिखा तुम्हारा
खुद उनके लिए ?
वे नहीं पहचान पाते
असली चेहरा
तुम्हारे शब्दों का
जो पहने होते हैं मुखौटे,
क्या फर्क पड़ता है
ऐ दोस्त !
चाहे तुम समझते रहते हो
अपनी बुद्धिजैवीय वासना को
संवेदना.
गए हो क्या
तुम कभी
किसी मी मृत्यु पर
शोक प्रकट करने
घर अपने सफाई कार्यकर्त्ता के
जो करता है साफ
तुम्हारे आँगन
और
शौचालयों को ?
क्या सोचा है
कभी तुमने
देने का
अपनी पुरानी चप्पलें
उस लड़के को
जो आता है घर तुम्हारे
पहुँचाने कोई सामान तुम्हारा
नंगे पांव
गर्म दुपहरी की
चिलचिलाती धूप में ?
क्या की है
तुमने कभी
व्यवस्था
पाटा पौली करवाने
राजमिस्त्री की
टूटी हुई बांह की
जो करता है मरम्मत
तुम्हारे घर की
टूटी दीवारों की ?
क्या धोये हैं
तुमने कभी
मल मूत्र सने
कपडे
खुद अपने ही
बच्चे के ?
क्या छोड़े हैं
तुमने कभी
अवसर
तुम से निर्बल लोगों को
सताने के ?
खोजो उत्तर
इन अनुत्तरित प्रश्नों के,
मत छुपाओ
चेहरा अपना.
मेरे कलमबाज !
पेट भरा मेंढक
टर्रटराता है जोरों
अपने कुंवे से...
# # #
You write
Lot many
Poems,essays,stories,dramas
Dealing burning issues of
Farmers, workers, poor and
Exploited,
But
Do they themselves
Understand
What you write for them ?
They cannot
Recognize the
True faces of your words
Who are wearing masks,
No matter
You at you own treat
Your intellectual lust
As sensitivity.
Have you ever been
For offering your condolence
To the home of
A sweeper
Who cleans your
Courtyard and toilets ?
Have you ever thought of
Giving away your
Old sleepers to the
Delivery boy
Who comes to your place
Naked feet
In encroaching heat of
A summer afternoon ?
Have you ever organized
Plastering of
A mason's broken arm
Who was repairing
Your broken wall ?
Have you ever
Washed the
Cloths of your own children
Soiled with their
Faeces and urine ?
Have you ever avoided
The chance of
Harassing the people
Weaker than you ?
Find the replies to
These questions,
Don't hide your face,
A stomach-full frog
Speak loud
From withing the well.
अनुत्तरित प्रश्न (हिंदी रूपांतरण- अर्पिता गोडबोले)
# # #
लिखते हो तुम
अनेकों कवितायेँ,
लेख, कहानियां और नाटक
किसानों, मजदूरों,
गरीबों एवम शोषितों पर,
किन्तु
क्या वे स्वयं समझ पाते हैं
लिखा तुम्हारा
खुद उनके लिए ?
वे नहीं पहचान पाते
असली चेहरा
तुम्हारे शब्दों का
जो पहने होते हैं मुखौटे,
क्या फर्क पड़ता है
ऐ दोस्त !
चाहे तुम समझते रहते हो
अपनी बुद्धिजैवीय वासना को
संवेदना.
गए हो क्या
तुम कभी
किसी मी मृत्यु पर
शोक प्रकट करने
घर अपने सफाई कार्यकर्त्ता के
जो करता है साफ
तुम्हारे आँगन
और
शौचालयों को ?
क्या सोचा है
कभी तुमने
देने का
अपनी पुरानी चप्पलें
उस लड़के को
जो आता है घर तुम्हारे
पहुँचाने कोई सामान तुम्हारा
नंगे पांव
गर्म दुपहरी की
चिलचिलाती धूप में ?
क्या की है
तुमने कभी
व्यवस्था
पाटा पौली करवाने
राजमिस्त्री की
टूटी हुई बांह की
जो करता है मरम्मत
तुम्हारे घर की
टूटी दीवारों की ?
क्या धोये हैं
तुमने कभी
मल मूत्र सने
कपडे
खुद अपने ही
बच्चे के ?
क्या छोड़े हैं
तुमने कभी
अवसर
तुम से निर्बल लोगों को
सताने के ?
खोजो उत्तर
इन अनुत्तरित प्रश्नों के,
मत छुपाओ
चेहरा अपना.
मेरे कलमबाज !
पेट भरा मेंढक
टर्रटराता है जोरों
अपने कुंवे से...
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