vinod's feels and words
Saturday, 9 August 2014
आंसू : (नायेदाजी)
आंसू
# # #
आंसू ,
आब का
एक कतरा
दिल से निकला
आँखों की राह
बाहिर आया
कहने
काई अनकही
दास्तानें
गम की
खुशी की
कतरा नहीं
यह है अत्तर
इंसानियत का
एहसास इंसान
होने का.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment