अष्ट आयामी मार्ग : धम्मपद से
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सही आचरण
सही करनी
सही उपार्जन
तीनों
अंग शील
कहलाते हैं
शील(आचरण) त्रय
से
सुनिश्चित होती
मानव की
भौतिक शांति .
सही निश्चय
सही यथार्थ
सही चिन्तन मनन
तीनों
तहत समाधि आते हैं.
समाधि (ध्यान) के
त्रिआयाम से
होती है घटित
मानसिक शांति .
सही उदेश्य
सही दृष्टि
दोनों
प्रज्ञा की बात बताते हैं.
द्वय कृत्य
प्रज्ञा (विवेक) के
करते प्रदत
वैचारिक शांति .
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