चार सत्य : धम्मपद से 
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प्रथम सत्य 
शोक का :
जन्म 
जरा 
रोग 
मृत्यु 
शोक हैं..
द्वितीय सत्य 
शोक के कारण का :
लोभ है 
कारण
शोक का...
तृतीय सत्य 
शोक के निवारण का : 
कामना हेतु है 
दुःख का ,
विलोपन 
कामना का  
बनाता  है 
शोक मुक्त...
चतुर्थ सत्य 
पथ का :
लोभ और शोक से 
मुक्ति पथ है
अष्ट आयामी* मार्ग.
(जरा : बुढ़ापा) * देखें एक अलग रचना इस के लिए. 
 
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