सिद्ध (जागृत) ही सर्वश्रेष्ठ : धम्मपद से 
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श्रेष्ठ है व्यक्ति
संग  
दैहिक चक्षुओं के,
देख सकता है वो 
संसार को.
श्रेष्ठतर है व्यक्ति 
संग 
करुणा चक्षुओं के  
देख सकता है वो 
औरों में स्वयं को...
श्रेष्ठतम है व्यक्ति
संग  
ज्ञान चक्षुओं के 
देख सकता है वो
समग्र स्थिति को..
सर्वश्रेष्ठ है व्यक्ति 
संग 
धर्म चक्षुओं के 
देख सकता है वो 
सर्वजन हिताय..
 
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