Sunday, 3 August 2014

खेती मोहब्बत की... (Nazmaa)

खेती मोहब्बत की...
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अश्क 
गम का,
अश्क 
ख़ुशी का 
गम हार का
गम जलन का 
ख़ुशी 
जीत की,
ख़ुशी हराने की, 
निकला 
नयन से,
उड़ा 
हवा में 
बन कर भाप,
बताने 
ऐसी ख़ुशी 
क्षणिक,
ऐसा गम भी 
फानी....

एक आंसू
बहा 
करके 
महसूस 
दर्द किसी का, 
एक आंसू
बहा 
बन कर अत्तर 
दिल में बसे
प्यार के 
ज़ज्बात का,
निकला 
नयन से,
उड़ा हवा में 
बन कर भाप,
बरसा 
बन कर
बादल,
सरसाने 
खेती मोहब्बत की..

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