Inside-Outside/अन्तरंग-बहिरंग
Inside-Outside...
# # #
Sitting at
Sea beach
Wandered
My fingers
In the sand,
Oh !
This was your
Sketch only,
Same face
Same smile
Same expressions,
What was inside
Thus came outside...
अन्तरंग-बहिरंग ( सह रचनाकार : अर्पिता)
# # #
समुद्र तट की
बालू में
लगी थी फिरने
उंगलियां मेरी,
आह !
यह तो उकरा था
रेखा चित्र तुम्हारा,
वही चेहरा
वही मुस्कान
वही भंगिमा,
प्रीतम !
जो था
अन्तरंग में
आ गया था ना
वही
इस तरह
बहिरंग में..
Inside-Outside...
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Sitting at
Sea beach
Wandered
My fingers
In the sand,
Oh !
This was your
Sketch only,
Same face
Same smile
Same expressions,
What was inside
Thus came outside...
अन्तरंग-बहिरंग ( सह रचनाकार : अर्पिता)
# # #
समुद्र तट की
बालू में
लगी थी फिरने
उंगलियां मेरी,
आह !
यह तो उकरा था
रेखा चित्र तुम्हारा,
वही चेहरा
वही मुस्कान
वही भंगिमा,
प्रीतम !
जो था
अन्तरंग में
आ गया था ना
वही
इस तरह
बहिरंग में..
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