जस का तस लिख देना मेहर उर्फ़ मधुरिमा कि खासियत रही है...प्रोफ. विनेश की यह स्टूडेंट उन से प्रेम कर बैठी थी. अलग अलग धर्म से होने के कारण दोनों एक ना हो सके. मेहर के कुछ एक्सप्रेशन 'दीवानी' के रूप में दीवानी सीरीज में है.
अभी कुछ कवितायेँ 'मेहर उर्फ़ मधुरिमा सिंह' से घटित हुई उनको यहाँ शेयर किया जा रहा है...मानवीय भावों को बिना 'चाहिए या नहीं चाहिए' की लग लपेट से परे, जस का तस अपने मूड के अनुसार शब्दों में ढाला है.
अभी कुछ कवितायेँ 'मेहर उर्फ़ मधुरिमा सिंह' से घटित हुई उनको यहाँ शेयर किया जा रहा है...मानवीय भावों को बिना 'चाहिए या नहीं चाहिए' की लग लपेट से परे, जस का तस अपने मूड के अनुसार शब्दों में ढाला है.
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