Saturday 24 November 2018

रिश्ते : विजया


रिश्ते...
+++

रिश्ते नाते
भावनाओं के अनुवाद या
अवस्थाएँ व्यवस्था की ?
अलग अलग समय
आन खड़ा होता है प्रश्न ?

क्यों करते हो बँटवारा
इस ख़ूबसूरत
मानवीय आयाम का
ख़ुशी और ग़म
सुकून और दर्द
दिल और दीमाग
आम और ख़ास
समाजी और जाती
और ना जाने
कितने नाम दे कर
जो लूट कर हुस्न इसका
बदल देता हैं इसे
महज़ दर्द के रिश्ते में...

No comments:

Post a Comment