Saturday, 24 November 2018

पुकारता है कौन.....



पुकारता है कौन,,,,,
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बात बात में निकली
तेरी मेरी बात
बात बात में बीत गयी
तारों वाली रात
दिल दिल के पास है
धड़कने  है मौन
ऐसे में ना जाने मुझे
पुकारता है कौन ?

टूटे दिल की वो सदा
शोर में है दब गयी
हर पल जो मेरे साथ थी
दूर मुझ से कब गयी ?
चुप हुआ है आसमां
धरा भी हुई है मौन
ऐसे में ना जाने मुझे
पुकारता था कौन ?

भूल से जो कह गया
अपने दिल की बात
छूटने लगा है अब
मेरा उसका साथ
मैं यूँही कहता रहा
वो हो गयी है मौन
ऐसे में ना जाने मुझे
पुकारता है कौन ?

जो साथ थे
वो थक गए
जो दूर थे
वो रुक गए
मैं चलूँ या ठहरा रहूँ
यह प्रश्न अब है मौन
ऐसे में ना जाने मुझे
पुकारता है कौन ?

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