Monday 3 December 2018

रिश्तों में भी : विजया



रिश्तों में भी.....
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आया था पैग़ाम
बहुत ग़मज़दा है वो
आँसू है कि थम नहीं रहे
खाना नहीं खा रहा
गुमसुम है
खोई खोई नज़रों से
ना जाने क्या
देखे जा रहा है....

लगा लिया था गले से मैं ने
शायद मेरा प्यार भरा आग़ोश
पिघला दे उसकी उदासी को
जो जम गयी थी अंदर उसके
बर्फ़ की कड़ी चट्टान बन कर,
वरना मेरा चुलबुला सा
शरीर मासूम
ऐसा तो नहीं है....

पूछा था मैंने हुआ क्या ?
"कुछ नहीं"
यही तो होता है पहला जवाब
फिर खोदने से आती है
असलियत जुबाँ पर
ना भी आये
मुनहसिर है सब कुछ
कुदाल की नोक पर
खोदने वाले की कुव्वत पर....

हैम्स्टर ने दिये थे बच्चे
खा गयी थी माँ दो को
गटक गया था बाप एक को
सुना था मैंने यह भी कि
एक ही माँ की औलाद थे
नर और मादा.....

बेहद जुड़ गया था ना वो
अपने नन्हें दोस्तों
जूलीऔर जान से,
नाजों से रखता था उनको
मादा हुई थी जब हामला
रहता था इंतज़ार
नये मेहमान के आने का
तोड़ के रख दिया था
जो भी हुआ उसने
एक मासूम दिल को.....

हिला दिया था
मुझ को भी
उसके उस मासूम सवाल ने
दुनिया भर की दवाओं की रीसर्च में
आजमाईस की जाती है ना हैम्स्टर पर
बहुत कुछ मिलता जुलता है ना
इंसान का इनसे
क्या रिश्तों में भी ?

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हैम्स्टर(hamster): एक नन्हा सा प्राणी जो जिसकी शक्ल चूहों/भालू से मिलती है....लोग पालते है.https://en.m.wikipedia.org/wiki/Hamster
मुनहसिर=निर्भर, कुव्वत=ताक़त, हामला=गर्भवती .

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