Sunday 15 March 2015

चेतन

चेतन 
# # # #
समेट कर 

शब्दों 
विवरणों 
और 
भोंडे अभिनय में, 
छद्म प्रदर्शन 
'चेतन' होने का 
हो गया है फैशन 
आज का..

करते हुए 
नामोच्चारण 
'अवेयरनेस' 
'विटनेस' 
'मैडिटेशन' का, 
'तंत्रा' की आड़ में 
पहुँच जाते हैं 
ये तथाकथित 
ध्यानी और चेतन 
मात्र जीने
देह का 
संकीर्ण दर्शन 
जो छुपा होता है 
अवचेतन में...

समग्र सहजता 
मन और तन की 
होती है उदित 
जब फिर से, 
हो पाती है घटित 
'चेतना और स्वीकृति' :
एक मौलिक सत्व, 
ना कि कोई 
सस्ती अनुकृति..

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