Monday 15 September 2014

THE ARROW AND THE SONG (हिंदी भावानुवाद के साथ)

THE ARROW AND THE SONG
BY HENRY WADSWORTH LONGFELLOW
(With Hindi Bhavanuvaad)

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I shot an arrow into the air,
It fell to earth, I knew not where;
For, so swiftly it flew, the sight
Could not follow it in its flight.

I breathed a song into the air,
It fell to earth, I knew not where;
For who has sight so keen and strong,
That it can follow the flight of song?

Long, long afterward, in an oak
I found the arrow, still unbroken;
And the song, from beginning to end,
I found again in the heart of a friend.

तीर और नगमा

# # # # #
छोड़ा था
मैं ने
एक तीर
हवा में
गिरा था जो
जमीं पर,
मगर नहीं जानता था मैं
--कहाँ ?
क्योंकि
उड़ा था वो
इस तेज़ी से
नहीं दौड़ पायी थी
नज़र
उसके पीछे..

सरसराया था
मैं ने
एक नगमा
हवा में
गिरा था वो भी
जमीं पर,
मगर नहीं जानता था मैं
--कहाँ ?
क्यों कि
हो सकी है किसके पास
वो पैनी और गाढ़ी नज़र
जो कर सके पीछा
एक नगमे की उड़ान का ?

बीता था
एक लम्बा अर्सा
और मिल गया था
मुझ को
वो ही तीर
बिना टूटे
अटका हुआ
एक शाह बलूत में
और मिला था
वही नगमा
हुबहू
आगाज़ से आखिर तक
समाया हुआ
एक दोस्त के दिल में..

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