Friday 11 May 2018

सौंदर्य सुबह का,,,,,


सौंदर्य सुबह का
ना जाने कहाँ खो गया है
जीवन ज्यों
मृत्यु शैय्या पर सो गया है
छा गया है
दिल में अंधड़ व्याकुलता का
काल विरह का
युगों सा हो गया है,,,,,,

No comments:

Post a Comment