Friday, 11 May 2018

कफ़न तेरे आँचल जैसा,,,,,


कफ़न तेरे आँचल जैसा,,,,,

#######
कर दे स्वप्न विहीन
नयनों को तेरे,
सोचता हूँ कर ही डालूँ
कोई उपद्रव ऐसा,
रणखेत रहूँ
संग्राम में प्रेम के,
और काश !
मेरी लावारिस लाश को
मिल जाए ज्यों
कफ़न तेरे आँचल जैसा,,,

(एक भावुक प्रेमी के किसी मोमेंट के 'फूट पड़ने' को शब्द देने का प्रयास)

No comments:

Post a Comment