Wednesday, 3 January 2018

अनकहा सा,,,,,,


छोटे छोटे एहसास 
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अनकहा सा कह देते हो जब तुम 
ख़ुद का क्या,मौसम भीग जाता है 
तुम चुप रहो या कहो कुछ भी 
ये दिल मेरा..सब जान जाता है 😊.

दूसरा बेहतर वर्ज़न :

छोटे छोटे एहसास 
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अनकहा सा कह देते हो जब तुम 
मैं तो क्या,मौसम भी भीग जाता है 
खामोशियाँ लब की,गुफ्तगू नज़रों की 
ये दिल मेरा..सब जान जाता है 😊.

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