छोटे छोटे एहसास
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अनकहा सा कह देते हो जब तुम
ख़ुद का क्या,मौसम भीग जाता है
तुम चुप रहो या कहो कुछ भी
ये दिल मेरा..सब जान जाता है 😊.
दूसरा बेहतर वर्ज़न :
छोटे छोटे एहसास
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अनकहा सा कह देते हो जब तुम
मैं तो क्या,मौसम भी भीग जाता है
खामोशियाँ लब की,गुफ्तगू नज़रों की
ये दिल मेरा..सब जान जाता है 😊.
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