Monday 26 September 2016

धुंध का आभास है....: विजया


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धुंध का आभास है
और दृष्टि का प्रयास है
देख पायें यदि उसे
जो घटता अनायास है.

कार्य कारण के सम्बन्ध
क्या हो जाते सदैव है
मिलना और बिछुड़ जाना
कोई गणित है या दैव है,
सहज कहते हैं किन्तु
जीना तो सप्रयास है
देख पायें यदि उसे
जो घटता अनायास है.

मनुज की प्रतिज्ञाएँ
कहाँ पर्यन्त फलित है
चिंतन मनन ठोसता
स्वतः ही गलित है,
नहीं कुछ सुनिश्चित
स्फुट सा कयास है
देख पायें यदि उसे
जो घटता अनायास है.

प्रदर्शन का आकर्षण
अति गहन प्रभाव है
अवश की मीमांसा में
विवेक का अभाव है,
शूल की चुभन प्रिय
या पुष्प की सुवास है
देख पायें यदि उसे
जो घटता अनायास है.

जानकर अनजान बन
जीना अब स्वीकार है
कौन जाने कहाँ कितने
रिश्तों के प्रकार है
नदी के प्रवाह मध्य
द्वीप पर निवास है
धुंध का आभास है
और दृष्टि का प्रयास है.

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