Sunday 18 December 2022

दिसम्बर...(विजया)

पहले दसवें थे 

फिर मिला तुम्हें तुम्हारा स्थान 

बारहवाँ और साल  के उपसंहार वाला (अ)

उनतीस से इक्कतीस दिन पाए  (ब)

कुछ तो ज़रूर रहे होंगे 

इस पदोन्नति के कारण...


साल भर की ऊँच नीच 

सारे मौसमों 

सारी गहमागहमी से गुज़रकर 

साल भर के हर भले बुरे के गवाह तुम 

आकर खड़े हो 

एक धीर वीर गम्भीर हो कर...


उत्सवों के चमन हो तुम 

दुनिया भर में हर दिन तुम्हारा उत्सव 

कहीं ना कहीं 

मौज मस्ती है फ़ितरत तुम्हारी 

उसमें भी संजीदगी है दौलत तुम्हारी 

कुछ तो है तुम में 

तभी तो अज़ीज़ है हरेक हरकत तुम्हारी...


कितने गहरे और उदार हो तुम 

एक व्यक्ति नहीं समग्र संसार हो तुम 

जो जो अवतरते हैं धरापर तुम संग 

मानव वे विशिष्ट होते हैं (द)

फिर भी ना जाने क्यों तेरी छाँव में 

शेष होते हैं सम्बंध जो अवशिष्ट होते हैं...(स)


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Notes : 


अ)December शब्द  की उत्पति लैटिन भाषा के शब्द decem से हुई जिसका अर्थ दस होता है, पहले केलेंडेर में यह दसवाँ महीना होता था और वर्ष मार्च से शुरू किया जाता था फिर साल को जनवरी से शुरू होना तय हुआ और दिसम्बर को बारहवाँ महीना बना दिया गया. 

ब)दिसम्बर में पहले 29 दिन होते थे फिर 30 और उसके बाद 31 कर दिए गए.

स) मनोवैज्ञानिक अध्ययनों से नतीजा निकला है कि दिसम्बर में break-ups ज़्यादा होते हैं.

द) अध्ययनों से यह भी मालूम हुआ है कि दिसम्बर महीने में पैदा हुए लोग independent, well behaved, achiever, loyal होते हैं. स्वास्थ्य की दृष्टि से बीमारियों के तहत बहुत कम होते हैं याने उनको बहुत से रोग होने के chance तुलनात्मकता में बहुत कम होते हैं.

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