Wednesday 11 April 2018

गुल मोहब्बत के,,,,,,,

छोटे छोटे एहसास
===========

खिलते हैं
गुल मोहब्बत के
देने को अंजाम
ज़िंदगी की
आम-ओ-अहम
बातों को,
इज़हार बहुतेरे
होते हैं हर लम्हे
कहे अनकहे
बिन बोले
बिन छुए,,,,,,

No comments:

Post a Comment