Friday, 12 February 2021

मैं बेपरवाह....


मैं बेपरवाह...

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अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

अल्लाह हूँ  अल्लाह हूँ अल्लाह हू...


कश्मकश उलझने, उलझने कश्मकश 

उम्मीद का दीया ही ,देता  उजाला बस 

किस किस की करूँ परवाह मैं बेपरवाह

लुत्फ़ रक़्स का मिला तो हुआ हूँ मैकश..


अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

अल्लाह हूँ अल्लाह हूँ अल्लाह हू...


तू ना सही....तेरा होना तो यहाँ है 

सितारों से ज़रा आगे तेरा मेरा जहाँ है 

चल रहा है मेरे साथ हर पल वो तू है 

तू यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ  जाने कहाँ कहाँ है..


अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

अल्लाह हूँ अल्लाह हूँ अल्लाह हू...


ना एक हो सकती है दो शम्माएँ,सुन

रोशनी दोनों की हो जाती है एक,सुन 

दुई की बातें कर कर ना थका है रे तू

पुतला हूँ मैं तो क्या,मेरा खुदा मैं, सुन..


अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

अल्लाह हूँ  अल्लाह हूँ अल्लाह हू...

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