Friday, 24 July 2015

तमाशबीन : विजया

तमाशबीन
+ + + +
साहिल पर
डटे हो
बनकर
तमाशबीन
दूरबीन लिए,
जानोगे तुम कैसे
हकीकत तूफां की,
जुझोगे नहीं
गर उस से
लेकर मौजों को
आगोश में....

ज़िन्दगी
नहीं है
देखते रहना
नजारों को
बचा कर
खुद को,
ज़िन्दगी नाम है
जीने का
पुर जोश
पुर होश....

ज़िन्दगी नहीं है
औरों के
बनाये
नक़्शे कदम पर
चलना,
जिंदगी नाम है
करते रहना
खुद ब खुद
जो भी करना है
तुम को...

बचा सकते हैं
बहाने महज
औरों से
तुझ को,
क्या होगा
जब तुम
चुराने लगोगे
नज़र
हर लम्हे
खुद से...

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