Friday 24 July 2015

जिम्मा तोहमतों का...: विजया

जिम्मा तोहमतों का...
+ + +
ले लिया था
हमने
सर अपने
जिम्मा तोहमतों का
क्यूंकि
लिखा था
कुछ और ख़त में
और
कासिद
कहे जा रहा था
दूसरा कुछ
मजबूर था
या खुदगर्ज़
या गुलाम
इंतेजामिया का,
उगले जा रहा था
कर कर के मतली,
निगला था
जो भी उसने
संग माशरे के...

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