Wednesday 8 June 2022

आधा ख़ाली : विजया

 आधा ख़ाली 

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बिता दिए थे 

जमाने मैं ने 

उड़ेलते उड़ेलते खुद को

औरों के कपों में...


करती रही इंतज़ार 

कभी तो होगा 

मेरा भी वक्त 

सिप लेने का...


और जब आया 

मेरा भी वक्त,

तो पायी थी मैने

मेरे कप में 

बाक़ियत एक लड़की की 

जिसने कुछ ज़्यादा ही 

दे डाला था...


बाक़ियत= remainder

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