Tuesday 14 December 2021

नीले रंग से : विजया

 

(कितने सापेक्ष होते हैं निर्वचन !)


नीले रंग से....

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(१)


कलाकार था वो 

चाहती थी शिद्दत से 

उसकी केनवास होना 

भर देना 

उसके लिए 

मेरे दिल और दीमाग को

उल्लास के 

पीले, केशरिया, हरे रंगों से 

भर दिया था 

मुझे उसने तो 

कान्हा के 

नील रंग से....


(भारत में नीले रंग को अमरत्व, स्थिरता, सार्वभौमिक सत्य से जोड़ कर देखते हैं.)


~॰~॰~॰~


(२)


कलाकार था वो 

चाहती थी शिद्दत से 

उसकी केनवास होना 

भर देना 

उसके लिए 

मेरे दिल और दीमाग को

उल्लास के 

पीले, नारंगी, हरे रंगों से 

मगर भर दिया था 

मुझे उसने तो 

अवसाद के 

नील रंग से....


(नीले रंग को इंगलेंड में उदास भावों से, जर्मनी में अवसाद, चीन में भूत प्रेत और मौत, तुर्की में शोक से जोड़ कर देखते हैं.)

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