Tuesday 19 January 2021

हाइकु नैसाखिए के...


हाइकु नौसखिये के,,,,

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१)

कैसा घमंड 

एकाकी है पतंग 

कटती रही...


२)

हारा संसार 

अपना ही प्रचार 

झूठे बहाने...


३)

जीवन भर 

संबध का बंधन 

यही बर्बादी...


४)

गुड ओ तिल 

चिपचिपाहट ही 

मिठास कहाँ...


५)

कटी पतंग 

घर है ना ठिकाना 

मैं अनजाना...


चलते चलते 😀


बताएँ त्रुटि 

हौसला आफजाई 

यही कमाई...

😊😊😊

संगीता दीदी 

किया है संशोधन 

हो अनुमोदन 😊

धन्यवाद : Sangeetadi और Pushpaji.....ध्यानार्थ : Kanakji)

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