Sunday, 8 October 2017

शरद पूर्णिमा

1)
हृदय 
अतल गहराईयों से 
निकला चाँद 
तरल हो गया 
दो नयनों से 
दो दो चाँद बन 
बह गया 
पुतलियों की 
अँधेरी निशा को 
चांदनी दे गया....
2)
पूर्णमासी ने 
दिखाया है उपहार 
जो भूल गया था 
रख कर 
ह्रदय के स्टोरेज में 
'अनपैक' 
किये बिना...