Saturday, 24 November 2018

मेरे दूसरे प्यार ने ....



मेरे दूसरे प्यार ने....

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प्यार की राह का
मैं एक मुसाफ़िर,
रुकना नहीं है फ़ितरत मेरी
तलाशता रहा ठिकाना अपना
कितनी ही मंज़िलें छूकर
क्या हो सकी पूरी
मेरी फेरी,,,,

मेरे दूसरे प्यार से
सीखी थी मैंने स्वाधीनता
और जान लिया था मैं ने
आँखों से बातें करना
सिखाया था उसी ने मुझे
आकर्षक होना
मौज में जीना,,,,,

मेरे दूसरे प्यार ने
उभारा था मुझमें मेरे सर्वश्रेष्ठ को,
समझाया था मुझको
क्या होता है
दूसरों में भी सर्वोत्तम को उभारना,
सीखा था मैंने
सामना करना अपने भीतर के भय का,
जाना था मैंने
सब कुछ दाँव पर लगा देना
फिर भी नाकामयाब न होना,
हुआ था परिपक्व मैं
इसी दौर में ही
सीखा था मैं ने कभी कभी
बेपरवाह होना,,,,

फ़िर एक दिन......
दिखा ही दिया था उसने
कैसे बदल जाते हैं लोग
जुदा होकर चले जाने को
दूर बहुत दूर
और नहीं आते हैं वे
लौट कर फिर कभी,,,,

(प्रेम एक स्थिति है क्रिया नहीं, स्वयं प्रेम हो जाना ही तो प्रेम है.जीवन में घटित 'प्यार की दस्तानें' आयेगी "मेरे दूसरे प्यार ने " "मेरे तीसरे प्यार ने" इत्यादि शीर्षकों के साथ.)

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