vinod's feels and words
Sunday, 30 September 2018
दुष्ट आत्माएँ : विजया
दुष्ट आत्माएँ
बियावान जंगल में
खेलती होती है
आग की लपटों से,
चल देता है
भटका बहका मुसाफ़िर
पाले हुए मतिभ्रम
कि मिलेगा प्रकाश वहाँ !
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