Saturday, 23 July 2022

यह कैसा तेरा सावन है....

यह कैसा तेरा सावन है ?

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लगा आग उत्पात मचाता 

बिन कहे क्या क्या कह जाता 

पीड़ा से रौं रौं व्यथित रे 

जलता धू धू अब दामन है 

यह कैसा तेरा सावन है ?


घूँट हलक से उतर गया है 

कंठ किसी का जल ही गया है 

टूटे हैं सारे पैमाने 

लागे सब कुछ अकामन है 

यह कैसा तेरा सावन है ?


नज़रें सारी बदल गयी है 

रेत हाथ से फिसल गयी है 

जिस्म हुआ है रूह पर हावी 

क्यों कहते, तू चूड़ामन है

यह कैसा तेरा सावन है ?


चूड़ामन=शीश पर पहना सिरमोर आभूषण / साफा

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