Tuesday, 19 January 2021

प्रेम कर पतंग बस चाहती है प्रेम...

 


प्रेम की पतंग बस चाहती है प्रेम...

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प्रेम की पतंग का 

कौन हिस्सा तेरा 

कौन सा मेरा 

मालूम नहीं....


डोर कौन है 

हाथ किसके है

मालूम नहीं....


किसका आकाश है 

किसकी मुँडेर हैं 

मालूम नहीं...


मालूम है तो 

बस इतना 

साथ हैं 

उड़ने में भी 

मचलने डोलने में भी 

स्थिर चाल में भी 

कटने में भी 

गिरने में भी 

लुट जाने में भी...


हर हालात ओ वक़्त का 

साथ है ना 

प्रेम

प्रेम की पतंग 

चाहती है बस 

प्रेम...

मालूम है ?😊



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