थीम सृजन : रंग रंग रंग
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ऐनकों के पीछे से....
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सर्दी की गुनगुनी धूप
और दो अदद कुर्सियाँ
चुप चाप तकती सी
बरामदे से बाहर की जानिब,
गुलमोहर के पेड़ पर
चहचहाती मैना,
जूही-चमेली-गुलाबों की
मदमस्त ख़ुशबू,
आ जाओ ना बैठें
तुम और मैं
लेकर दो प्याली
लौंग वाली महकती
गर्म चाय...
बाँट लेते हैं
कड़क चाय की चुस्कियों के साथ
दिल की बातें
मैं और तुम ,
आओ ना
कर लें ज़रा चर्चा
ज़िन्दगी के
गहरे फीके रंगो पर.....
आओ ना
झाँक लें थोड़ा सा
अपनी अपनी ऐनकों के पीछे से
एक दूजे की आँखो में,
ढूँढ लें फिर से
अपनी बालपन की
गुमशुदा चाहत......
भर लें हम फिर से
नए नए रंगों से
ज़िंदगी के कैनवास को
उकेर कर
उन बीते पलों की तस्वीरें
जिनके एहसास
आज भी है
कल भी रहेंगे
तुम को भी
मुझ को भी....
Neera2019
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ऐनकों के पीछे से....
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सर्दी की गुनगुनी धूप
और दो अदद कुर्सियाँ
चुप चाप तकती सी
बरामदे से बाहर की जानिब,
गुलमोहर के पेड़ पर
चहचहाती मैना,
जूही-चमेली-गुलाबों की
मदमस्त ख़ुशबू,
आ जाओ ना बैठें
तुम और मैं
लेकर दो प्याली
लौंग वाली महकती
गर्म चाय...
बाँट लेते हैं
कड़क चाय की चुस्कियों के साथ
दिल की बातें
मैं और तुम ,
आओ ना
कर लें ज़रा चर्चा
ज़िन्दगी के
गहरे फीके रंगो पर.....
आओ ना
झाँक लें थोड़ा सा
अपनी अपनी ऐनकों के पीछे से
एक दूजे की आँखो में,
ढूँढ लें फिर से
अपनी बालपन की
गुमशुदा चाहत......
भर लें हम फिर से
नए नए रंगों से
ज़िंदगी के कैनवास को
उकेर कर
उन बीते पलों की तस्वीरें
जिनके एहसास
आज भी है
कल भी रहेंगे
तुम को भी
मुझ को भी....
Neera2019
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