Friday, 22 March 2019

मैं एक इंद्र धनुष....: विजया

थीम सृजन : रंग
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मैं हूँ एक इंद्र धनुष....
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'लाल' है रंग
मेरे जोश और जूनून का
लाल ही तो है
जो पलटवाता रहता है मुझ से
जीवन का हर पन्ना....

'नारंगी'
लगता तो शांत सा है
लेकिन है यह रंग आग का
यही तो वो रंग है
जो रखता है सम्भाले
मेरी सारी तमन्नाओं को...

बना देता है
यह 'पीला'
बावरा और निरंकुश मुझ को
रखता है किंतु यही रंग
मुझ को
कोमल और शालीन भी.....

निराला है ना
यह 'हरा' रंग
इसके पास ही है मगर
कुंजी
मेरी फंतासियों की
मेरे अजब ग़ज़ब सपनों की.....

'असमानी' तो है
रंग मेरे आँसुओं के समंदर का
यही तो है आकाश मेरा
समाए हुए ख़ुद में
मेरे सारे के सारे
ग़लत सही डरों को....

यह जो 'नील सा' रंग है ना
है बहुत ख़ूबसूरत
कर भी जाता है
बहुत दुखी मुझ को
अटक कर
बीच ख़ुशी और ग़मगीनी के
दीवानगी और शादमानी के.....

आख़री है मगर कम नहीं किसी से
यह 'बनफ़शा' रंग,
ना जाने क्यों
कर देता है यह
विचलित सा मुझ को
कुछ ज़्यादा ही दुखी दुखी सा,
उगा कर असमंजस
ख़ुश होने और भूखे होने के बीच
यही तो रंग है
करता है जो तय
मिज़ाज मेरा....

जब बन्ध जाते हैं ये रंग
एक दूजे से,
बना देते हैं ये
रहस्यमय मन मेरा
धड़कता हुआ दिल मेरा
निर्मल आत्मा मेरी !

('बनफशा' का प्रयोग violet रंग के लिए किया है, मुझे यह 'बैंगनी' से ज़्यादा सटीक लगा.)

(Roy. G. Biv.(Red, Orange,Yellow,Green, Blue,Indigo,Violet....Colours of Rainbow)

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