जीवन को फिर से जी लें....
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हँस बोल कर आओ
ये पल हम गुज़ार दें,
बेरंग सी हो इस ज़िन्दगी में
रंग इन्द्रधनुषी भर कर,
होठों पे सज़ा ले तबस्सुम
हँसलें और हँसा दें
वक़्त की सुई को
कुछ देर और थाम कर,
यादों की डायरी से उठा कर
खोये कुछ पल जी लें फिर से,
अनकहे ख़यालों को
लफ़्ज़ों में पीरो कर,
हो गया राख आशियाँ
ज़रूरतों की आग में जल कर
जगा लें फिर से अरमां
नयी सी मुलाक़ात कर,
बना लें तस्वीर ख़ूबसूरत
जीये हुये हर पल छिन की
हासिल कर लें एक केनवास
यादों के टुकड़े सजा कर,
संगीत फिर रचा लें
धुन दिलकश बना लें
गीतों को नये सुर दें
महफ़िल नयी सजा कर,
जीवन को फिर से जी लें
सोलह सिंगार कर लें
यादों की संदूकची से
ज़ेवर अपने निकाल कर....
नीरा २०१८
❤️❤️
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