vinod's feels and words
Tuesday, 1 October 2019
बचपन और बचपना,,,
फ़र्क़ बस इतना है
बचपन और बचकानेपन में,
होता है एक
अन्तर की सहज गहरायी में
मीठा सा एहसास
दीखता है दूसरा
हिचकोले खाता हुआ
तैरता सा
'होने' की ऊपरी सतह पर
पहले मीठा फिर कसेला...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment