छोटे छोटे एहसास
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जज़्बा ए जुस्तज़ू से
मुँह ना मोड़
मंज़िले मक़सूद को भी
तेरा इंतज़ार है,
चलता रह
लिए जोशो खरोश ओ हौसला
वो भी तो तुम से
मिलने को बेक़रार है,,,,,
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जज़्बा ए जुस्तज़ू से
मुँह ना मोड़
मंज़िले मक़सूद को भी
तेरा इंतज़ार है,
चलता रह
लिए जोशो खरोश ओ हौसला
वो भी तो तुम से
मिलने को बेक़रार है,,,,,
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