शब्द सृजन : प्रेम
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मूक साक्ष्य...
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मूक साक्षी मात्र ही तो होती है
मंदिर-प्रांगण के वटवृक्ष पर बंधी
मौलि की अनेकों फेरियाँ,
दर्शक होती है जो
हर कदम की
गमना गमन
शब्द और मौन
स्थिरता और कम्पन की,
दे पाता है प्रमाण कौन
अस्तित्व के मूक साक्ष्य के अलावा
एकांतिक प्रेम
अथवा
अदैहिक आत्मीय दाम्पत्य का....
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दाम्पत्य=स्त्री और पुरुष का निकटतम सम्बंध/male female intimacy.
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