खूबसूरत...
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उगता सूरज
पानी में उसका अक्स
फूलों में अक्स
बिल्लोर का प्याला
उस में भी अक्स,
सब की ख़ूबसूरती को उभार देता है
सूरज का अक्स,
खूबसूरत हो जाता है समाँ
हर शै खूबसूरत
हरसू ख़ूबसूरती
बाहिर भी...भीतर भी
बस ऐसा ही तो कमाल होता है
रोशन ख़यालों का...
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