🔹
वक़्ते जुदाई उस ने पूछा था : याद आएगी ?
कह दिया था मैने : याद जाएगी तो याद आएगी ना...😊
🔹🔹
मिला तो पूछा था उसने : क्या करती रही थी.
कह दिया था मैने : दीवारों से बातें करती थी, मगर जवाब कभी
भी नहीं मिला.😊 (अबोला-आख़िर तुम जैसी ही तो हैं ये भी)
🔹🔹🔹
मोह निगौड़ा छूटे तो
खोने का डर भी निकल जाए
फिर चाहे
दौलत हो, कोई चीज़ हो
रिश्ता हो या जिंदगानी...
मगर तेरा साथ
उसे जाने कहाँ देता है
तुम कहते हो तो मान लेती हूँ
बीज है फलेगा तो प्रेम हो जाएगा
फिर.....फिर......ना जाने क्या क्या,
फिर भी मुझे नहीं बदलना,
मैं तो बीज बचाए रखूँगी
जब मन होगा बोऊँगी😊😊
(पुराने काग़ज़ों से )
No comments:
Post a Comment