Friday, 16 June 2023

आँखें

 


आँखें...

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द्वार होती है कुछ आँखें 

आत्मा तक पहुँचने के लिये,

सुना है मैं ने यही सदैव 

कि होती है आँखे 

बिंदु हर आरम्भ का...


हरी, नीली, काली, हेज़ेल, ब्राउन 

होती है आँखे अलग अलग रंग की 

बदलते भी हैं रंग इनके,

सवाल यह नहीं कि 

किस रंग की है आँखें 

अहम है यह 

कि आँखे प्रामाणिकता से वो दिखा सके 

जिसे देखना होती है चाहत 

किसी प्रेम करने वाले के लिए...


इन्ही झरोखों से तो झांकता है सच 

कोई भी भाव नहीं रह पाते छुपे छुपे 

सब कुछ हो जाता है स्फटिक सा स्पष्ट 

बिलकुल पहचाने जाने के योग्य,

सब कुछ तो देखा जा सकता है 

किसी की आँखों में 

बस मेधा और कौशल हो देखने वाले में...


हर्ष, दुख, उलझन और असमंजस 

क्रोध,वासना और आश्चर्य 

भय,सच,आशा और निराशा 

सब को जान समझ लेती है सहज ही 

संवेदन भरी आँखे 

नहीं होते हैं जिनको 

कोई भ्रम और विभ्रांतियां...


आँखें ही तो होती है 

हमारा सबसे अंतरंग घटक 

गहनता के क्षणों में 

एकटक देखने के लिए,

देखते हैं हम सभी प्रमुखता से ऐसा 

किंतु होता है कितना कठिन 

जो देखा हो उसे स्मृति में बनाए रखना...


द्वार होती है कुछ आँखें 

आत्मा तक पहुँचने के लिये,

सुना है मैं ने यही सदैव 

कि होती है आँखे 

बिंदु हर आरम्भ का...

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