Friday, 21 July 2023

आग सावन की : आकृति



आग सावन की 

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भीगे तन 

भीगे मन 

भीगे नयन,

होता है तरल ईंधन 

रंगहीन गंधहीन 

ठंडा ठंडा लगता 

कहलाता है जो पानी 

सावन रूत में बरसा 

किंतु लगा देता है अगन 

जल जल जाते 

तन, मन और नयन.

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